गीगलै रै मामै रो बेटो गोपाल ई कुवापूजन रै कार्यक्रम में सामिळ हुयो। वो घणो चंचळ अर सरारती टाबर है। आप निरख सको हो वीं री एक झलक...
आपकी भाषा कुछ अधिक समझ में नहीं आई मगर फिर भी क्षेत्रीय भाषा में ब्लॉग देख कर एक अलग ही सुखद अहसास होता है.. लगे रहें..
आपकी भाषा कुछ अधिक समझ में नहीं आई मगर फिर भी क्षेत्रीय भाषा में ब्लॉग देख कर एक अलग ही सुखद अहसास होता है.. लगे रहें..
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